देशभर के एयरपोर्ट इस समय ऐसे लग रहे हैं मानो किसी रियलिटी शो—“कौन ज़्यादा जोर से चिल्लाएगा?”—का लाइव ऑडिशन चल रहा हो।इंडिगो की लगातार फ्लाइट देरी, कैंसलेशन और कन्फ्यूजन ने हज़ारों यात्रियों को फंसा दिया है, और त्योहारों के मौसम में लोगों का गुस्सा टिकट कीकीमतों से भी तेज़ उड़ान भर रहा है।
बीते कुछ दिनों में कई वीडियो वायरल हुए, जिनमें यात्री ग्राउंड स्टाफ पर भड़कते, जवाब मांगते और कभी-कभी ऐसे स्पष्टीकरण की उम्मीद करतेदिखाई दिए, जो उनके बस की बात ही नहीं है। एयरपोर्ट पर अनिश्चितता, बिना अपडेट और ठंडी कॉफी—किसी को भी चिड़चिड़ा बना देती है, लेकिनसोनू सूद ने सबको याद दिलाया कि ऐसी स्थितियों में भी इंसानियत सबसे अहम है।
एक वीडियो संदेश में अभिनेता ने बताया कि उनका अपना परिवार भी इसी हालात से गुज़रा और उन्हें लगभग पांच घंटे का इंतज़ार करना पड़ा। लेकिनउन्हें सबसे ज़्यादा दुख इस बात का था कि लोग गुस्सा ग्राउंड स्टाफ पर निकाल रहे थे। उन्होंने कहा, “खुद को उनकी जगह रखकर सोचिए”—क्योंकिस्टाफ भी उतना ही बेबस होता है, जितना कोई इंतज़ार करता यात्री। सूद की अपील साफ थी: शांत रहें, दयालु बनें और किसी दूसरे का दिन औरमुश्किल न बनाएं।
उधर DGCA भी हरकत में आ गया है। शुक्रवार को एविएशन वॉचडॉग ने एक हाई-लेवल कमेटी बनाने का आदेश दिया है, जो इंडिगो के इस बड़ेपैमाने के ऑपरेशनल फेल्योर की जांच करेगी। देरी का कारण तकनीकी है, प्रबंधन की गलती है, मौसम है या सिस्टम की अफरा-तफरी—अगले कुछदिनों में तस्वीर साफ होने की उम्मीद है।
तब तक, सोनू सूद की सलाह ही सबसे उपयोगी लगती है—गहरी सांस लें, धैर्य रखें, और अगर चिल्लाना बहुत जरूरी हो, तो उसे किसी क्रिकेट मैच केलिए बचाकर रखें।
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