देश की सबसे बड़ी एयरलाइन, इंडिगो, पर आए परिचालन संकट ने पूरे भारतीय एविएशन सेक्टर में हलचल मचा दी है। इस बीच, टाटा ग्रुप के स्वामित्व वाले एयर इंडिया ग्रुप ने इंडिगो की मुश्किलों का फायदा उठाने की कोशिश शुरू कर दी है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, एयर इंडिया ग्रुप ने विशेष रूप से एयरबस A320 विमान उड़ाने वाले अनुभवी कैप्टनों के लिए विज्ञापन जारी किया है। यह कदम सीधे तौर पर इंडिगो के उन पायलटों को आकर्षित करने के लिए उठाया गया है, जो इंडिगो के बेड़े में आई इंजन संबंधी समस्याओं और आगामी परिवर्तनों के कारण अनिश्चितता का सामना कर रहे हैं।
हालांकि, एयर इंडिया ग्रुप की इस भर्ती रणनीति ने उसके अपने ही लो-कॉस्ट कैरियर एयर इंडिया एक्सप्रेस के मौजूदा पायलटों, खासकर A320 उड़ाने वाले पायलटों में चिंता बढ़ा दी है।
सैलरी और उड़ान घंटों पर मंडराया खतरा
एयर इंडिया एक्सप्रेस के लगभग 100 पायलटों ने प्रबंधन को एक चिट्ठी लिखकर इस नई भर्ती का विरोध किया है। उनकी मुख्य चिंता यह है कि अनुभवी कैप्टनों के आने से उनकी उड़ानों के घंटे और कम हो जाएंगे, जिसका सीधा और बुरा असर उनकी सैलरी पर पड़ेगा।
एयर इंडिया एक्सप्रेस के पास वर्तमान में 110 विमान हैं, जिनमें से 76 बोइंग 737 हैं। शेष 34 विमान एयरबस A320 फैमिली के हैं, जो एयर इंडिया और एयरएशिया इंडिया से लिए गए थे। रिपोर्ट के अनुसार, अगले साल की शुरुआत में इनमें से कम से कम 10 A320 प्लेन लीज देने वालों को वापस कर दिए जाएंगे।
महामारी के बाद से घटते उड़ान घंटे
पायलटों की चिंता की जड़ उनके फिक्स्ड-आवर पेमेंट कॉन्ट्रैक्ट में छिपी है। फिक्स्ड-आवर कॉन्ट्रैक्ट का मतलब है कि अगर पायलट की उड़ानें कम भी होती हैं, तो भी उसे एक तय न्यूनतम घंटों की सैलरी मिलेगी।
-
चिंता का कारण: हालांकि एयरलाइन भविष्य में और A320 प्लेन लाएगी, लेकिन इस बेड़े के विस्तार में समय लगेगा। इस देरी की वजह से मौजूदा पायलटों के उड़ने के घंटे कम हो जाएंगे। उन्हें शायद सिर्फ 40 घंटे की न्यूनतम उड़ान का ही मौका मिलेगा।
-
पूर्व उदाहरण: कोरोना महामारी के दौरान, एयरएशिया इंडिया ने पायलटों के फिक्स्ड आवर पेमेंट कॉन्ट्रैक्ट को 70 घंटे से घटाकर 40 घंटे कर दिया था। बाद में एयर इंडिया ने भी ऐसा ही किया। उस दौरान केवल विस्तारा ने सैलरी में कटौती करते हुए भी घंटों में कमी नहीं की थी।
-
इंडिगो का कदम: हाल ही में इंडिगो ने भी नए जूनियर फर्स्ट ऑफिसर के लिए फिक्स्ड कॉन्ट्रैक्ट को 70 घंटे से घटाकर 50 घंटे कर दिया है।
एयर इंडिया एक्सप्रेस के पायलटों को डर है कि नए A320 कैप्टनों के आने से उपलब्ध उड़ान घंटों का बंटवारा होगा, जिससे उन्हें केवल न्यूनतम 40 घंटे की सैलरी ही मिल पाएगी। यह स्थिति टाटा समूह के भीतर एक आंतरिक तनाव को दर्शाती है, जहां एक ओर प्रबंधन इंडिगो के संकट का फायदा उठाना चाहता है, वहीं दूसरी ओर उसे अपने मौजूदा कर्मचारियों की चिंताओं को भी दूर करना होगा।