लोकसभा में मंगलवार को केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा ‘विकसित भारत-गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) (VB-जी राम जी) बिल, 2025’ पेश किए जाने के बाद सियासी माहौल गरमा गया. बिल के पेश होते ही विपक्षी दलों ने सदन में जोरदार विरोध दर्ज कराया और सरकार पर मनरेगा (MGNREGA) को खत्म करने की साजिश का आरोप लगाया. इस बीच कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भी केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर महात्मा गांधी के विचारों और गरीबों के अधिकारों का अपमान करने का आरोप लगाया.
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक ट्वीट करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को दो चीजों से पक्की नफरत है—महात्मा गांधी के विचारों से और गरीबों के अधिकारों से. उन्होंने लिखा कि मनरेगा महात्मा गांधी के ग्राम-स्वराज के सपने का जीवंत रूप है और करोड़ों ग्रामीण परिवारों की जिंदगी का सहारा रहा है. राहुल गांधी ने यह भी याद दिलाया कि कोविड-19 महामारी के दौरान यही योजना ग्रामीण गरीबों के लिए एक मजबूत आर्थिक सुरक्षा कवच साबित हुई थी.
मनरेगा को कमजोर करने का आरोप
राहुल गांधी ने अपने बयान में आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार पिछले दस वर्षों से मनरेगा को कमजोर करने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि यह योजना हमेशा से प्रधानमंत्री को “खटकती” रही है और अब सरकार इसे पूरी तरह खत्म करने पर आमादा है. कांग्रेस नेता का यह बयान ऐसे समय में आया है जब केंद्र सरकार ‘विकसित भारत-गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण)’ के जरिए ग्रामीण रोजगार की नई व्यवस्था लागू करने की बात कर रही है.
मनरेगा के तहत ग्रामीण परिवारों को हर साल 100 दिन के रोजगार की कानूनी गारंटी दी जाती है. यह योजना न सिर्फ रोजगार उपलब्ध कराती है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने में भी अहम भूमिका निभाती रही है. राहुल गांधी का कहना है कि सरकार इस गारंटी को खत्म कर गरीबों से उनका अधिकार छीनना चाहती है.
X पर लंबे पोस्ट में साधा पीएम मोदी पर निशाना
राहुल गांधी ने X पर एक लंबे पोस्ट में लिखा कि MGNREGA महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज के सपने का जीता-जागता उदाहरण है. यह लाखों ग्रामीण भारतीयों के लिए जीवन रेखा रही है और कोरोना महामारी के दौरान जब देशभर में काम-धंधे ठप हो गए थे, तब इसी योजना ने ग्रामीण परिवारों को भूख और गरीबी से बचाया था. उन्होंने दावा किया कि NDA सरकार ने बजट कटौती, भुगतान में देरी और नियमों को सख्त बनाकर इस योजना को धीरे-धीरे कमजोर किया है.
उन्होंने कहा, “इस स्कीम ने हमेशा प्रधानमंत्री मोदी को परेशान किया है. पिछले दस सालों से उनकी सरकार ने इसे व्यवस्थित तरीके से कमजोर करने की कोशिश की है. आज हालात ऐसे बना दिए गए हैं कि सरकार मनरेगा को पूरी तरह खत्म करने का मन बना चुकी है.”
सदन में विपक्ष का विरोध
लोकसभा में VB-जी राम जी बिल पेश होते ही विपक्षी सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया. विपक्ष का कहना है कि सरकार नए नाम और नई संरचना के जरिए मनरेगा को समाप्त करना चाहती है. कांग्रेस, वाम दलों और अन्य विपक्षी पार्टियों ने मांग की कि सरकार साफ करे कि क्या मनरेगा जैसी कानूनी रोजगार गारंटी को खत्म किया जा रहा है या नहीं.
वहीं, सरकार की ओर से यह दावा किया जा रहा है कि नया बिल ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और आजीविका के नए अवसर पैदा करेगा और ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य को हासिल करने में मदद करेगा. हालांकि, विपक्ष इस तर्क से संतुष्ट नहीं है और उसे गरीब विरोधी कदम बता रहा है.
राजनीतिक टकराव तेज
VB-जी राम जी बिल को लेकर केंद्र और विपक्ष के बीच टकराव और तेज होने के संकेत मिल रहे हैं. एक ओर सरकार इसे सुधार और विकास की दिशा में बड़ा कदम बता रही है, तो दूसरी ओर राहुल गांधी समेत विपक्षी नेता इसे गरीबों के अधिकारों पर हमला करार दे रहे हैं. आने वाले दिनों में इस बिल पर संसद के भीतर और बाहर सियासी बहस और तेज होने की संभावना है.